कांग्रेस सांसद मौलाना असरारुल हक कासमी का निधन

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किशनगंज के कांग्रेस सांसद मौलाना असरारुल हक कासमी का शुक्रवार की अहले सुबह हार्ट अटैक आने की वजह से उनका निधन हो गया। वे 78 वर्ष के थे। सांसद प्रतिनिधि मो शफी अहमद ने बताया कि गुरुवार की रात सांसद जलसा से लौटने के बाद सर्किट हाउस में सोने चले गए। गुरुवार की देर रात 3 बजे सांसद की तबियत बिगड़ी और वे अपने सुरक्षा गार्ड को कॉल कर बुलाया। तब सुरक्षा गार्ड ने सांसद को डॉक्टर के यहाँ ले जाने के लिए गाड़ी निकाला। सांसद खुद चलकर सर्किट हाउस से निकले जैसे ही गाड़ी पर डॉक्टर के यहाँ जाने के लिए निकले उन्हे हार्ट अटैक आया। गार्ड ने उन्हें डॉक्टर एम एल जैन के यहाँ ले कर पहुंचे तब तक उनका निधन हो चुका था। कांग्रेस सांसद मौलाना असरारुल हक कासमी का निधनसांसद मौलाना असरारुल हक कासमी के निधन से जिले में शोक की लहर है। किशनगंज जिले के कांग्रेस विधायक तौसीफ आलम, कांग्रेस विधायक डॉ जावेद आजाद, विधान पार्षद डॉ दिलीप कुमार जायसवाल, विधायक नौशाद आलम, विधायक मुजाहिद आलम ने सांसद मौलाना असरारुल हक कासमी के निधन को जिले के लिए अपूर्णीय क्षति बताया है। कांग्रेस सांसद मौलाना असरारुल हक कासमी का निधनजानकारी के अनुसार 15 फरवरी 1942 को जन्मे सांसद मौलाना असरारुल हक कासमी 2009 से अब तक 2018 तक लगातार किशनगंज के सांसद थे । दोनो ही बार वे कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते थे। हालांकि उन्होंने आधा दर्जन से अधिक बार लोकसभा चुनाव में अपना किस्मत आज़माया था। जीत जीवन के अंतिम दो चुनावों में मिली। सूरजपुर बिरादरी के वे सबसे बड़े नेता थे। निर्दलीय चुनाव लड़ने पर उन्हें 2 लाख वोट आता था।

बता दें कि सांसद मौलाना असरारुल हक कासमी शिक्षाविद भी थे। भारत सहित मुस्लिम देशों में भी जाकर लोगो को तालीम का महत्व बताते थे। उर्दू के कई अखबारों में उनका आलेख भी छपता था। सांसद काफी व्यवहार कुशल थे। हर समाज, समुदाय के लोगो के चहेता थे। उनकी शिक्षा दारुल उलूम देवबंद में हुई,जहां से उन्होंने स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की,पत्नी सलमा खातून का निधन पूर्व में ही हो चुका है,अपने पीछे उन्होंने तीन पुत्र और दो पुत्री को छोड़ गए हैं, संसद असरारुल हक कासमी का गृह घर दिघलबैंक के ताराबाड़ी पंचायत अंतर्गत कांटा टप्पू है।