ऐसे करें गंगा दशहरा का व्रत, धूलेंगे सारे पाप

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गंगा दशहरा का व्रत



गंगा दशहरा का व्रत के दिन गंगा में स्नान कर अपने सभी पापों के लिए माफी मांगी जाती है। ऐसा माना जाता है कि गंगा में स्नान मात्र से ही आपके सभी पाप धुल जाते हैं और आपको मोक्ष की प्राप्ति होती है। गंगा दशहरे के पावन दिन लोग दूर-दूर से गंगा में स्नान करने आते हैं और व्रत और पूजा-अर्चना कर अपने पापों से मुक्ति पाते हैं। आज हम आपको बताते हैं कि गंगा दशहरा का व्रत कैसे करना चाहिए और क्या है इसकी सही विधि।

इस व्रत से भगवान विष्णु होते हैं प्रसन्न

गंगा दशहरा का व्रत विशेषकर भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है।
इस पावन दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना कर उनकी आराधना की जाती है।
इस व्रत में पानी भी नहीं पिया जाता।
इसलिए इसे निर्जला व्रत कहते हैं।
स्नान कर ग्यारस यानी एकादशी की कथा सुनी जाती है और अगले दिन दान-पुण्य किया जाता है।

गंगा दशहरे का व्रत दान करने के बाद ही खोला जाता है फिर जल पीकर अपना व्रत पूर्ण किया जाता है।

इन चीजों का करें दान

इस दिन आपको केला, नारियल, सुपारी, खरबूजा, अनार, जल भरी सुराई आदि चीजों का दान करने से पुण्य मिलता है।